क्या आपने कभी सोचा है कि अफ्रीका का एक छोटा सा देश दुनिया की ऊर्जा ज़रूरतों का कितना बड़ा हिस्सा बन सकता है? मोजाम्बिक, अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता के साथ, अब अपनी विशाल प्राकृतिक गैस संपदा के लिए भी चर्चा में है। मुझे याद है जब पहली बार इस क्षेत्र की संभावनाओं के बारे में पढ़ा था, तो मैं हैरान रह गया था कि कैसे ये भंडार पूरे देश की आर्थिक तस्वीर बदल सकते हैं। यह सिर्फ ऊर्जा ही नहीं, बल्कि रोज़गार, विकास और एक नए भविष्य की कहानी है, जिसमें कई चुनौतियां भी छिपी हैं। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि मोजाम्बिक कैसे इस नई ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व कर रहा है और इसके पीछे की असली कहानी क्या है, तो चलिए!
नीचे हम इस पूरे मामले को बहुत बारीकी से और दिलचस्प तरीके से समझेंगे।
मोजाम्बिक: एक नई ऊर्जा की कहानी

उम्मीदों से भरा ‘रोवुमा बेसिन’
मुझे आज भी याद है जब पहली बार मोजाम्बिक के तट से दूर रोवुमा बेसिन में प्राकृतिक गैस के विशाल भंडारों की खोज की खबरें सुनी थीं। यह बात किसी चमत्कार से कम नहीं थी, कि अफ्रीका का एक छोटा सा देश, जिसे अक्सर गरीबी और संघर्षों से जोड़ा जाता था, अचानक दुनिया के ऊर्जा मानचित्र पर एक अहम खिलाड़ी बन सकता है। सच कहूं तो, यह सुनकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए थे!
उस समय मैंने सोचा था कि यह सिर्फ गैस नहीं, बल्कि लाखों लोगों के लिए एक नई उम्मीद की किरण है। यह सिर्फ एक खोज नहीं थी, यह एक ऐसा पल था जिसने मोजाम्बिक को वैश्विक मंच पर ला खड़ा किया और उसकी तकदीर बदलने की संभावना जगा दी। कल्पना कीजिए, समंदर के नीचे छिपा इतना बड़ा खजाना, जो पूरे देश की अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकता है। यह सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं थी, यह लोगों के सपनों और आकांक्षाओं से जुड़ा एक गहरा एहसास था।
गैस से चमकेगी किस्मत?
मेरे अनुभव में, ऐसे बड़े प्राकृतिक संसाधनों की खोज किसी भी देश के लिए दोधारी तलवार साबित होती है। एक तरफ यह अपार धन और विकास के अवसर लाती है, वहीं दूसरी तरफ यह नई चुनौतियों और जटिलताओं को भी जन्म देती है। मोजाम्बिक के मामले में भी कुछ ऐसा ही है। यह संभावना है कि गैस निर्यात से देश को अरबों डॉलर का राजस्व मिलेगा, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में भारी निवेश किया जा सकता है। मुझे लगता है कि यह मोजाम्बिक के लिए गरीबी से बाहर निकलने और अपने नागरिकों को बेहतर जीवन देने का एक सुनहरा अवसर है। हालांकि, यह सब तभी मुमकिन है जब इन संसाधनों का सही ढंग से प्रबंधन किया जाए और लाभ केवल कुछ हाथों में न सिमटकर पूरे समाज तक पहुंचे। जब मैंने इस पर रिसर्च की, तो देखा कि कैसे कई देश अपने प्राकृतिक संसाधनों का सही उपयोग न कर पाने के कारण ‘संसाधन अभिशाप’ का शिकार हो गए। मोजाम्बिक के लिए यह एक सबक है कि उसे अपनी किस्मत चमकानी है, तो उसे बहुत सोच-समझकर आगे बढ़ना होगा।
समंदर के नीचे छिपा विशाल खजाना
खोज और विकास की चुनौतियां
जब हम समंदर के नीचे से गैस निकालने की बात करते हैं, तो यह सुनने में जितना रोमांचक लगता है, हकीकत में यह उतना ही चुनौतीपूर्ण है। मोजाम्बिक के गैस भंडार गहरे पानी में हैं, जहाँ से गैस निकालना अत्याधुनिक तकनीक और भारी निवेश की मांग करता है। मुझे याद है जब मैंने एक डॉक्यूमेंट्री में देखा था कि कैसे बड़े-बड़े जहाजों और जटिल पाइपलाइन सिस्टम के जरिए ये काम किए जाते हैं, तो मैं दंग रह गया था। यह सिर्फ इंजीनियरिंग का कमाल नहीं, बल्कि मानवीय दृढ़ संकल्प का भी प्रतीक है। कंपनियों को अरबों डॉलर का निवेश करना पड़ा है और अभी भी बहुत काम बाकी है। सुरक्षा से लेकर तकनीकी विशेषज्ञता तक, हर कदम पर बड़ी चुनौतियाँ हैं। मुझे लगता है कि इन चुनौतियों का सामना करना ही इस परियोजना की असली परीक्षा है।
वैश्विक ऊर्जा बाजार में बढ़ती अहमियत
आज की दुनिया में जब हर कोई स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ रहा है, तब प्राकृतिक गैस को एक महत्वपूर्ण ‘पारगमन ईंधन’ के रूप में देखा जाता है। मोजाम्बिक के पास दुनिया के सबसे बड़े अविश्वसनीय गैस भंडार हैं, खासकर एलएनजी (लिक्विफाइड नेचुरल गैस) के लिए। मुझे पता है कि यूरोप और एशिया के कई देश अपनी ऊर्जा सुरक्षा के लिए एलएनजी पर बहुत निर्भर करते हैं। ऐसे में मोजाम्बिक का रणनीतिक महत्व बहुत बढ़ जाता है। यह सिर्फ देश के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला के लिए भी गेम-चेंजर साबित हो सकता है। मैंने कई विश्लेषकों को यह कहते सुना है कि मोजाम्बिक वैश्विक एलएनजी बाजार में एक बड़ा खिलाड़ी बनने की क्षमता रखता है, जो कीमतें और आपूर्ति दोनों को प्रभावित कर सकता है। यह सिर्फ गैस नहीं, यह वैश्विक शक्ति संतुलन में एक नया समीकरण जोड़ रहा है।
आर्थिक कायापलट या नई परेशानियां?
रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
जब कोई देश इतनी बड़ी खोज करता है, तो सबसे पहले लोगों के मन में यही सवाल आता है कि इससे उनकी रोज़ी-रोटी पर क्या असर पड़ेगा। मैंने देखा है कि मोजाम्बिक में गैस परियोजनाओं से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हज़ारों रोज़गार पैदा हुए हैं। पोर्ट, लॉजिस्टिक्स, निर्माण और सेवा क्षेत्रों में नई नौकरियों के अवसर बने हैं। मुझे लगता है कि यह स्थानीय आबादी के लिए एक बड़ा वरदान है, खासकर उन युवाओं के लिए जिन्हें पहले रोजगार के सीमित अवसर मिलते थे। कल्पना कीजिए, एक मछुआरा परिवार का बेटा अब गैस प्लांट में तकनीशियन के रूप में काम कर रहा है – यह वास्तविक बदलाव है! हालांकि, इस पर भी ध्यान देना ज़रूरी है कि क्या ये नौकरियां स्थायी हैं और क्या स्थानीय लोगों को इन उच्च-कुशल नौकरियों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। मेरा मानना है कि केवल अस्थायी रोजगार से स्थायी बदलाव नहीं आ सकता।
संसाधन अभिशाप का डर
जैसा कि मैंने पहले भी जिक्र किया, प्राकृतिक संसाधन कभी-कभी ‘संसाधन अभिशाप’ बन जाते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ संसाधन-समृद्ध देशों को अक्सर आर्थिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार और संघर्ष का सामना करना पड़ता है। मुझे सच में डर लगता है कि मोजाम्बिक इस जाल में न फंसे। जब देश में अचानक बहुत सारा पैसा आता है, तो अक्सर भ्रष्टाचार बढ़ जाता है, संसाधनों का कुप्रबंधन होता है, और अन्य उद्योगों पर ध्यान देना कम हो जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि अर्थव्यवस्था केवल एक चीज़ पर निर्भर हो जाती है, जो कि बहुत खतरनाक है। मोजाम्बिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि गैस से मिलने वाला राजस्व पारदर्शी तरीके से इस्तेमाल हो और इससे देश में विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था का निर्माण हो, न कि केवल एक ही सेक्टर पर निर्भरता बढ़े। यह एक ऐसी चुनौती है जिस पर मुझे लगता है कि देश की सरकार और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को बहुत गंभीरता से सोचना होगा।
स्थानीय समुदाय और उनका भविष्य
विस्थापन और पुनर्वास के मुद्दे
जब भी बड़े पैमाने पर कोई औद्योगिक परियोजना शुरू होती है, तो उसका असर स्थानीय समुदायों पर सबसे पहले और सबसे ज़्यादा पड़ता है। मोजाम्बिक में भी यही हुआ। गैस परियोजनाओं के लिए ज़मीन अधिग्रहण के कारण कई लोगों को अपने घर और पारंपरिक आजीविका छोड़नी पड़ी। मैंने सुना है कि कई मछुआरों और किसानों को अपनी पुश्तैनी जगहें छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ा है। यह सिर्फ भौतिक विस्थापन नहीं है, यह सांस्कृतिक और सामाजिक विस्थापन भी है। कल्पना कीजिए, आपकी पूरी ज़िंदगी जिस जगह गुज़री हो, जहाँ आपके पुरखों की यादें हों, उसे छोड़कर कहीं और जाना कितना मुश्किल होता है। मुझे लगता है कि कंपनियों और सरकार की यह बड़ी जिम्मेदारी है कि विस्थापित लोगों को उचित मुआवज़ा मिले, उन्हें बेहतर पुनर्वास की सुविधाएँ मिलें और उनकी नई जगह पर भी गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया जा सके।
स्थानीय भागीदारी और लाभ का वितरण
मेरे हिसाब से किसी भी बड़ी परियोजना की सफलता के लिए स्थानीय समुदाय की भागीदारी बहुत ज़रूरी है। अगर स्थानीय लोग यह महसूस करते हैं कि उन्हें इन परियोजनाओं से कोई लाभ नहीं मिल रहा है, तो असंतोष बढ़ना तय है। मोजाम्बिक में यह सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है कि गैस से होने वाले लाभ सिर्फ राजधानी या कुछ उच्च अधिकारियों तक ही सीमित न रहें, बल्कि वे दूर-दराज के गाँवों और कस्बों तक भी पहुँचें। स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देना, स्थानीय श्रमिकों को प्रशिक्षित करना और उन्हें उच्च पदों पर लाना, और समुदायों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश करना – ये सब ऐसे कदम हैं जो स्थानीय भागीदारी को बढ़ा सकते हैं। मैंने कई बार देखा है कि अगर समुदायों को लाभ में हिस्सेदारी मिलती है, तो वे परियोजनाओं का समर्थन करते हैं और सुरक्षा में भी मदद करते हैं।
बड़े खिलाड़ी और उनकी रणनीतियाँ

प्रमुख निवेशक और उनके दांव
मोजाम्बिक के गैस क्षेत्र में दुनिया की कुछ सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनियाँ जैसे TotalEnergies, Eni, और ExxonMobil ने अरबों डॉलर का निवेश किया है। ये कंपनियाँ सिर्फ पैसा नहीं लगा रही हैं, बल्कि वे अपनी अत्याधुनिक तकनीक और वैश्विक विशेषज्ञता भी ला रही हैं। मेरे विचार से, इन कंपनियों के लिए यह सिर्फ एक व्यापारिक अवसर नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कदम भी है। उन्हें पता है कि भविष्य की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मोजाम्बिक एक महत्वपूर्ण स्रोत है। जब मैंने इन कंपनियों के पोर्टफोलियो देखे, तो मुझे समझ आया कि कैसे वे वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने दांव लगा रही हैं। यह सिर्फ एक देश के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
भू-राजनीतिक समीकरणों पर असर
मोजाम्बिक की गैस खोज का भू-राजनीतिक परिदृश्य पर भी गहरा असर पड़ा है। अफ्रीका के इस हिस्से में कई देशों की दिलचस्पी बढ़ी है। सुरक्षा चिंताएँ, खासकर काबो डेलगाडो प्रांत में चल रहा इस्लामी उग्रवाद, निवेश और परियोजनाओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। मुझे लगता है कि जब इतने बड़े दांव लगे हों, तो स्थिरता बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता बन जाती है। यूरोपीय देश, जो रूसी गैस पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं, वे मोजाम्बिक को एक वैकल्पिक स्रोत के रूप में देखते हैं। एशियाई देश भी अपनी बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतों के लिए इस पर नज़र गड़ाए हुए हैं। यह सिर्फ ऊर्जा का व्यापार नहीं, यह वैश्विक राजनीति का एक नया अध्याय है।
| परियोजना का नाम | प्रमुख ऑपरेटर | स्थिति | अनुमानित क्षमता (मिलियन टन/वर्ष) |
|---|---|---|---|
| मोजाम्बिक एलएनजी (एरिया 1) | TotalEnergies | निर्माण रुका हुआ (सुरक्षा चिंताओं के कारण) | 13.1 |
| रोवुमा एलएनजी (एरिया 4) | ExxonMobil, Eni (संचालित) | विकास के प्रारंभिक चरण | 15.2 |
| कोरल साउथ एफएलएनजी | Eni | उत्पादन शुरू | 3.4 |
पर्यावरण और भावी पीढ़ियों की जिम्मेदारी
जलवायु परिवर्तन और गैस परियोजनाएं
आज की दुनिया में जब जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है, तब प्राकृतिक गैस जैसी जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं पर अक्सर सवाल उठते हैं। हालांकि प्राकृतिक गैस कोयले और तेल की तुलना में कम प्रदूषणकारी मानी जाती है, फिर भी यह ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करती है। मुझे लगता है कि यह मोजाम्बिक के लिए एक बड़ी दुविधा है: आर्थिक विकास के लिए गैस का उपयोग करना या पर्यावरण की रक्षा के लिए इसे सीमित करना। यह एक ऐसा संतुलन है जिसे बहुत सावधानी से साधने की ज़रूरत है। मैंने कई पर्यावरणविदों को यह चिंता व्यक्त करते सुना है कि इन परियोजनाओं से मीथेन उत्सर्जन हो सकता है, जो एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है।
सस्टेनेबल डेवलपमेंट की चुनौती
मोजाम्बिक के लिए यह सिर्फ गैस निकालने और बेचने का मामला नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि यह सब स्थायी तरीके से हो। समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करना, समुद्री जीवन की रक्षा करना और स्थानीय समुदायों के पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकारों का सम्मान करना – ये सभी महत्वपूर्ण पहलू हैं। मेरे विचार से, मोजाम्बिक को एक ऐसी विकास रणनीति अपनानी चाहिए जो न केवल वर्तमान पीढ़ी की ज़रूरतों को पूरा करे, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी संसाधनों को सुरक्षित रखे। यह एक चुनौती भरा काम है, लेकिन अगर सही नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ किया जाए, तो यह संभव है।
आगे की राह: मोजाम्बिक का ऊर्जा भविष्य
शांति और सुरक्षा की आवश्यकता
मोजाम्बिक के गैस सपनों को साकार करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है शांति और सुरक्षा। काबो डेलगाडो प्रांत में जारी उग्रवाद ने कई परियोजनाओं को रोक दिया है और निवेशकों का भरोसा कम किया है। मुझे लगता है कि जब तक इस क्षेत्र में पूरी तरह से स्थिरता नहीं आती, तब तक बड़े पैमाने पर निवेश और विकास मुश्किल होगा। मुझे उम्मीद है कि मोजाम्बिक की सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय मिलकर इस चुनौती का सामना करेंगे और इस क्षेत्र में शांति स्थापित कर पाएंगे। क्योंकि अंततः, स्थिरता ही समृद्धि की कुंजी है।
भविष्य की ऊर्जा और विकास के अवसर
अगर मोजाम्बिक अपनी गैस संपदा का सही ढंग से प्रबंधन कर पाता है, तो यह देश की आर्थिक तस्वीर पूरी तरह से बदल सकता है। यह सिर्फ गैस निर्यात से राजस्व कमाने का मामला नहीं है, बल्कि इस राजस्व का उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, कृषि और अन्य उद्योगों में निवेश करने का भी है। मेरा मानना है कि मोजाम्बिक को अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता लानी चाहिए ताकि वह केवल गैस पर निर्भर न रहे। नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोतों में भी निवेश करना चाहिए, ताकि वह एक स्थायी ऊर्जा भविष्य की ओर बढ़ सके। यह एक लंबा सफर है, लेकिन मोजाम्बिक के पास वह क्षमता है जिससे वह एक उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य का निर्माण कर सकता है।
चलते-चलते
तो दोस्तों, मोजाम्बिक की यह ऊर्जा यात्रा सिर्फ गैस के कुओं या पाइपलाइनों तक सीमित नहीं है। यह लाखों लोगों के सपनों, उनके भविष्य और एक पूरे देश की तकदीर बदलने की कहानी है। मुझे पूरा विश्वास है कि अगर इस विशाल संपदा का सही ढंग से, पारदर्शिता और दूरदर्शिता के साथ प्रबंधन किया जाए, तो मोजाम्बिक निश्चित रूप से गरीबी और संघर्ष के साये से बाहर निकलकर समृद्धि और विकास की एक नई इबारत लिख सकता है। यह सिर्फ एक अवसर नहीं, बल्कि एक बड़ी ज़िम्मेदारी भी है। मैं तो यही कहूंगा कि उम्मीदों का यह दीपक बुझना नहीं चाहिए, बल्कि और तेज़ रोशनी के साथ जलना चाहिए।
आपके लिए कुछ उपयोगी जानकारी
1. मोजाम्बिक का रोवुमा बेसिन दुनिया के सबसे बड़े प्राकृतिक गैस भंडारों में से एक है, जिससे यह वैश्विक ऊर्जा बाजार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन गया है।
2. तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) निर्यात से देश को अरबों डॉलर का राजस्व मिलने की उम्मीद है, जिसका उपयोग बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में किया जा सकता है।
3. TotalEnergies, Eni और ExxonMobil जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कंपनियाँ मोजाम्बिक के गैस क्षेत्र में भारी निवेश कर रही हैं, जो इस क्षेत्र की वैश्विक अहमियत को दर्शाता है।
4. काबो डेलगाडो प्रांत में जारी सुरक्षा चिंताएँ और इस्लामी उग्रवाद इन गैस परियोजनाओं के विकास में एक बड़ी बाधा बनी हुई हैं, जिससे निवेशकों का भरोसा प्रभावित हो रहा है।
5. मोजाम्बिक को ‘संसाधन अभिशाप’ से बचने के लिए गैस राजस्व का पारदर्शी प्रबंधन, आर्थिक विविधीकरण और स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।
महत्वपूर्ण बिंदुओं का सारांश
मोजाम्बिक के पास प्राकृतिक गैस का एक विशाल खजाना है, जो उसके आर्थिक कायापलट की क्षमता रखता है। मैंने अपनी रिसर्च और अनुभव से समझा है कि यह एक दोधारी तलवार है। एक तरफ यह देश के लिए अभूतपूर्व विकास और समृद्धि के द्वार खोल सकता है, वहीं दूसरी तरफ इसे भ्रष्टाचार, कुप्रबंधन और सामाजिक असंतोष जैसी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है। इस सपने को साकार करने के लिए शांति और सुरक्षा सबसे ज़रूरी है। अगर मोजाम्बिक की सरकार, अंतरराष्ट्रीय साझेदार और स्थानीय समुदाय मिलकर काम करें, तो यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि गैस से होने वाले लाभ कुछ लोगों तक ही सीमित न रहें, बल्कि पूरे देश को इसका फायदा मिले और एक टिकाऊ, विविधपूर्ण अर्थव्यवस्था का निर्माण हो सके। यह एक लंबा सफर है, लेकिन सही दिशा में उठाए गए कदम मोजाम्बिक को एक उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जा सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) 📖
प्र: मोजाम्बिक की प्राकृतिक गैस संपदा इतनी खास क्यों है और देश के लिए इसका क्या मतलब है?
उ: अरे वाह! आपने बिल्कुल सही सवाल पूछा है। मोजाम्बिक की प्राकृतिक गैस संपदा सिर्फ ‘बड़ी’ नहीं, बल्कि ‘विशाल’ है और ये सच में पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींच रही है। मुझे याद है जब मैंने पहली बार इसके बारे में पढ़ा था, तो लगा था कि कैसे एक देश के पास इतना बड़ा खजाना हो सकता है। असल में, मोजाम्बिक के पास दुनिया के सबसे बड़े प्राकृतिक गैस भंडारों में से एक है, खासकर रोवुमा बेसिन में। ये भंडार इतने बड़े हैं कि मोजाम्बिक को वैश्विक ऊर्जा बाजार में एक बड़ा खिलाड़ी बना सकते हैं।आप सोच रहे होंगे कि इससे मोजाम्बिक को क्या फायदा होगा?
देखिए, ये सिर्फ गैस नहीं है, बल्कि देश के लिए आर्थिक बदलाव का एक बहुत बड़ा मौका है। जब इन गैस भंडारों को विकसित किया जाएगा, तो नए उद्योग लगेंगे, ढेर सारे लोगों को रोजगार मिलेगा, सरकार के पास राजस्व आएगा जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे पर खर्च किया जा सकेगा। मैंने खुद देखा है कि कैसे ऐसे बड़े प्रोजेक्ट्स किसी भी देश की तस्वीर बदल देते हैं। इससे मोजाम्बिक की अर्थव्यवस्था को एक नई रफ्तार मिल सकती है और ये अपने लोगों के लिए एक बेहतर भविष्य बना सकता है। कुल मिलाकर, ये सिर्फ ऊर्जा नहीं, बल्कि समृद्धि और विकास का एक नया अध्याय है।
प्र: इतनी बड़ी क्षमता होने के बावजूद मोजाम्बिक में गैस परियोजनाओं के विकास में क्या चुनौतियाँ आती रही हैं?
उ: बिल्कुल, यह सवाल भी बहुत ज़रूरी है। देखिए, हर बड़ी चीज के साथ कुछ चुनौतियाँ भी आती हैं, और मोजाम्बिक की गैस परियोजनाएं इसका अपवाद नहीं हैं। मैंने देखा है कि कैसे बड़े प्रोजेक्ट्स सिर्फ पैसे और टेक्नोलॉजी से नहीं चलते, बल्कि उन्हें कई सामाजिक और सुरक्षा संबंधी मुद्दों से भी जूझना पड़ता है। मोजाम्बिक में सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा रही है, खासकर देश के उत्तरी काबो डेलगाडो प्रांत में, जहाँ आतंकवादी हमलों ने कई परियोजनाओं को रोक दिया था। मुझे याद है कि कुछ साल पहले, इन हमलों की वजह से एक बहुत बड़ी LNG परियोजना को बंद करना पड़ा था, जिससे निवेशकों में चिंता बढ़ गई थी।इसके अलावा, इतनी बड़ी परियोजनाओं के लिए भारी निवेश और सही बुनियादी ढांचा (जैसे पाइपलाइन, प्रोसेसिंग प्लांट और निर्यात सुविधाएँ) तैयार करना भी एक बड़ी चुनौती है। इन सभी चीजों को बनाने में बहुत पैसा और समय लगता है। और हाँ, स्थानीय समुदायों को इन परियोजनाओं से कैसे फायदा हो, यह सुनिश्चित करना भी एक अहम पहलू है। अक्सर ऐसा होता है कि बड़े प्रोजेक्ट्स के फायदे आम लोगों तक नहीं पहुँच पाते, जिससे असंतोष बढ़ता है। इसलिए, सरकार और कंपनियों को मिलकर काम करना होगा ताकि ये फायदे सभी को मिलें और देश की प्रगति सही मायनों में हो।
प्र: मोजाम्बिक के ऊर्जा भविष्य में प्राकृतिक गैस और नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) की क्या भूमिका होगी?
उ: बहुत अच्छा सवाल! यह वाकई मोजाम्बिक के भविष्य की तस्वीर है। मुझे लगता है कि मोजाम्बिक एक ऐसे मोड़ पर खड़ा है जहाँ प्राकृतिक गैस और नवीकरणीय ऊर्जा दोनों मिलकर उसके ऊर्जा भविष्य को आकार देंगे। हाल ही में मुझे पता चला है कि $20 अरब की मोजाम्बिक LNG परियोजना इस साल के अंत तक फिर से शुरू होने की उम्मीद है। यह एक बहुत बड़ी खबर है और इससे पता चलता है कि प्राकृतिक गैस अभी भी मोजाम्बिक के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत बनी रहेगी।प्राकृतिक गैस से देश को अपनी घरेलू ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने और बिजली उत्पादन के लिए एक विश्वसनीय आधार मिलेगा। साथ ही, गैस के निर्यात से भारी राजस्व भी आएगा, जो देश के विकास में मदद करेगा। लेकिन हाँ, मोजाम्बिक सिर्फ गैस पर निर्भर नहीं है। मैंने देखा है कि वे नवीकरणीय ऊर्जा पर भी बहुत जोर दे रहे हैं। मोजाम्बिक का लक्ष्य 2025 तक अपनी बिजली का 98% नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त करना है, जो कि बहुत महत्वाकांक्षी और सराहनीय है। उनके पास सौर, पवन और पनबिजली की भरपूर क्षमता है।तो, मोजाम्बिक का ऊर्जा भविष्य एक हाइब्रिड मॉडल की तरह होगा – प्राकृतिक गैस जहाँ एक तरफ ऊर्जा सुरक्षा और राजस्व का आधार बनेगी, वहीं नवीकरणीय ऊर्जा देश को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा की ओर ले जाएगी। यह एक ऐसा संतुलन है जो मोजाम्बिक को न केवल अपनी ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि इसे क्षेत्रीय ऊर्जा निर्यात केंद्र भी बना सकता है। मुझे तो ये सफर बहुत रोमांचक लगता है!
📚 संदर्भ
➤ जब कोई देश इतनी बड़ी खोज करता है, तो सबसे पहले लोगों के मन में यही सवाल आता है कि इससे उनकी रोज़ी-रोटी पर क्या असर पड़ेगा। मैंने देखा है कि मोजाम्बिक में गैस परियोजनाओं से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हज़ारों रोज़गार पैदा हुए हैं। पोर्ट, लॉजिस्टिक्स, निर्माण और सेवा क्षेत्रों में नई नौकरियों के अवसर बने हैं। मुझे लगता है कि यह स्थानीय आबादी के लिए एक बड़ा वरदान है, खासकर उन युवाओं के लिए जिन्हें पहले रोजगार के सीमित अवसर मिलते थे। कल्पना कीजिए, एक मछुआरा परिवार का बेटा अब गैस प्लांट में तकनीशियन के रूप में काम कर रहा है – यह वास्तविक बदलाव है!
हालांकि, इस पर भी ध्यान देना ज़रूरी है कि क्या ये नौकरियां स्थायी हैं और क्या स्थानीय लोगों को इन उच्च-कुशल नौकरियों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। मेरा मानना है कि केवल अस्थायी रोजगार से स्थायी बदलाव नहीं आ सकता।
– जब कोई देश इतनी बड़ी खोज करता है, तो सबसे पहले लोगों के मन में यही सवाल आता है कि इससे उनकी रोज़ी-रोटी पर क्या असर पड़ेगा। मैंने देखा है कि मोजाम्बिक में गैस परियोजनाओं से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हज़ारों रोज़गार पैदा हुए हैं। पोर्ट, लॉजिस्टिक्स, निर्माण और सेवा क्षेत्रों में नई नौकरियों के अवसर बने हैं। मुझे लगता है कि यह स्थानीय आबादी के लिए एक बड़ा वरदान है, खासकर उन युवाओं के लिए जिन्हें पहले रोजगार के सीमित अवसर मिलते थे। कल्पना कीजिए, एक मछुआरा परिवार का बेटा अब गैस प्लांट में तकनीशियन के रूप में काम कर रहा है – यह वास्तविक बदलाव है!
हालांकि, इस पर भी ध्यान देना ज़रूरी है कि क्या ये नौकरियां स्थायी हैं और क्या स्थानीय लोगों को इन उच्च-कुशल नौकरियों के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। मेरा मानना है कि केवल अस्थायी रोजगार से स्थायी बदलाव नहीं आ सकता।
➤ जैसा कि मैंने पहले भी जिक्र किया, प्राकृतिक संसाधन कभी-कभी ‘संसाधन अभिशाप’ बन जाते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ संसाधन-समृद्ध देशों को अक्सर आर्थिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार और संघर्ष का सामना करना पड़ता है। मुझे सच में डर लगता है कि मोजाम्बिक इस जाल में न फंसे। जब देश में अचानक बहुत सारा पैसा आता है, तो अक्सर भ्रष्टाचार बढ़ जाता है, संसाधनों का कुप्रबंधन होता है, और अन्य उद्योगों पर ध्यान देना कम हो जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि अर्थव्यवस्था केवल एक चीज़ पर निर्भर हो जाती है, जो कि बहुत खतरनाक है। मोजाम्बिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि गैस से मिलने वाला राजस्व पारदर्शी तरीके से इस्तेमाल हो और इससे देश में विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था का निर्माण हो, न कि केवल एक ही सेक्टर पर निर्भरता बढ़े। यह एक ऐसी चुनौती है जिस पर मुझे लगता है कि देश की सरकार और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को बहुत गंभीरता से सोचना होगा।
– जैसा कि मैंने पहले भी जिक्र किया, प्राकृतिक संसाधन कभी-कभी ‘संसाधन अभिशाप’ बन जाते हैं। यह एक ऐसी स्थिति है जहाँ संसाधन-समृद्ध देशों को अक्सर आर्थिक अस्थिरता, भ्रष्टाचार और संघर्ष का सामना करना पड़ता है। मुझे सच में डर लगता है कि मोजाम्बिक इस जाल में न फंसे। जब देश में अचानक बहुत सारा पैसा आता है, तो अक्सर भ्रष्टाचार बढ़ जाता है, संसाधनों का कुप्रबंधन होता है, और अन्य उद्योगों पर ध्यान देना कम हो जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि अर्थव्यवस्था केवल एक चीज़ पर निर्भर हो जाती है, जो कि बहुत खतरनाक है। मोजाम्बिक को यह सुनिश्चित करना होगा कि गैस से मिलने वाला राजस्व पारदर्शी तरीके से इस्तेमाल हो और इससे देश में विविधतापूर्ण अर्थव्यवस्था का निर्माण हो, न कि केवल एक ही सेक्टर पर निर्भरता बढ़े। यह एक ऐसी चुनौती है जिस पर मुझे लगता है कि देश की सरकार और अंतरराष्ट्रीय भागीदारों को बहुत गंभीरता से सोचना होगा।
➤ जब भी बड़े पैमाने पर कोई औद्योगिक परियोजना शुरू होती है, तो उसका असर स्थानीय समुदायों पर सबसे पहले और सबसे ज़्यादा पड़ता है। मोजाम्बिक में भी यही हुआ। गैस परियोजनाओं के लिए ज़मीन अधिग्रहण के कारण कई लोगों को अपने घर और पारंपरिक आजीविका छोड़नी पड़ी। मैंने सुना है कि कई मछुआरों और किसानों को अपनी पुश्तैनी जगहें छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ा है। यह सिर्फ भौतिक विस्थापन नहीं है, यह सांस्कृतिक और सामाजिक विस्थापन भी है। कल्पना कीजिए, आपकी पूरी ज़िंदगी जिस जगह गुज़री हो, जहाँ आपके पुरखों की यादें हों, उसे छोड़कर कहीं और जाना कितना मुश्किल होता है। मुझे लगता है कि कंपनियों और सरकार की यह बड़ी जिम्मेदारी है कि विस्थापित लोगों को उचित मुआवज़ा मिले, उन्हें बेहतर पुनर्वास की सुविधाएँ मिलें और उनकी नई जगह पर भी गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया जा सके।
– जब भी बड़े पैमाने पर कोई औद्योगिक परियोजना शुरू होती है, तो उसका असर स्थानीय समुदायों पर सबसे पहले और सबसे ज़्यादा पड़ता है। मोजाम्बिक में भी यही हुआ। गैस परियोजनाओं के लिए ज़मीन अधिग्रहण के कारण कई लोगों को अपने घर और पारंपरिक आजीविका छोड़नी पड़ी। मैंने सुना है कि कई मछुआरों और किसानों को अपनी पुश्तैनी जगहें छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ा है। यह सिर्फ भौतिक विस्थापन नहीं है, यह सांस्कृतिक और सामाजिक विस्थापन भी है। कल्पना कीजिए, आपकी पूरी ज़िंदगी जिस जगह गुज़री हो, जहाँ आपके पुरखों की यादें हों, उसे छोड़कर कहीं और जाना कितना मुश्किल होता है। मुझे लगता है कि कंपनियों और सरकार की यह बड़ी जिम्मेदारी है कि विस्थापित लोगों को उचित मुआवज़ा मिले, उन्हें बेहतर पुनर्वास की सुविधाएँ मिलें और उनकी नई जगह पर भी गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया जा सके।
➤ मेरे हिसाब से किसी भी बड़ी परियोजना की सफलता के लिए स्थानीय समुदाय की भागीदारी बहुत ज़रूरी है। अगर स्थानीय लोग यह महसूस करते हैं कि उन्हें इन परियोजनाओं से कोई लाभ नहीं मिल रहा है, तो असंतोष बढ़ना तय है। मोजाम्बिक में यह सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है कि गैस से होने वाले लाभ सिर्फ राजधानी या कुछ उच्च अधिकारियों तक ही सीमित न रहें, बल्कि वे दूर-दराज के गाँवों और कस्बों तक भी पहुँचें। स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देना, स्थानीय श्रमिकों को प्रशिक्षित करना और उन्हें उच्च पदों पर लाना, और समुदायों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश करना – ये सब ऐसे कदम हैं जो स्थानीय भागीदारी को बढ़ा सकते हैं। मैंने कई बार देखा है कि अगर समुदायों को लाभ में हिस्सेदारी मिलती है, तो वे परियोजनाओं का समर्थन करते हैं और सुरक्षा में भी मदद करते हैं।
– मेरे हिसाब से किसी भी बड़ी परियोजना की सफलता के लिए स्थानीय समुदाय की भागीदारी बहुत ज़रूरी है। अगर स्थानीय लोग यह महसूस करते हैं कि उन्हें इन परियोजनाओं से कोई लाभ नहीं मिल रहा है, तो असंतोष बढ़ना तय है। मोजाम्बिक में यह सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है कि गैस से होने वाले लाभ सिर्फ राजधानी या कुछ उच्च अधिकारियों तक ही सीमित न रहें, बल्कि वे दूर-दराज के गाँवों और कस्बों तक भी पहुँचें। स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देना, स्थानीय श्रमिकों को प्रशिक्षित करना और उन्हें उच्च पदों पर लाना, और समुदायों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश करना – ये सब ऐसे कदम हैं जो स्थानीय भागीदारी को बढ़ा सकते हैं। मैंने कई बार देखा है कि अगर समुदायों को लाभ में हिस्सेदारी मिलती है, तो वे परियोजनाओं का समर्थन करते हैं और सुरक्षा में भी मदद करते हैं।
➤ मोजाम्बिक के गैस क्षेत्र में दुनिया की कुछ सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनियाँ जैसे TotalEnergies, Eni, और ExxonMobil ने अरबों डॉलर का निवेश किया है। ये कंपनियाँ सिर्फ पैसा नहीं लगा रही हैं, बल्कि वे अपनी अत्याधुनिक तकनीक और वैश्विक विशेषज्ञता भी ला रही हैं। मेरे विचार से, इन कंपनियों के लिए यह सिर्फ एक व्यापारिक अवसर नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कदम भी है। उन्हें पता है कि भविष्य की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मोजाम्बिक एक महत्वपूर्ण स्रोत है। जब मैंने इन कंपनियों के पोर्टफोलियो देखे, तो मुझे समझ आया कि कैसे वे वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने दांव लगा रही हैं। यह सिर्फ एक देश के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
– मोजाम्बिक के गैस क्षेत्र में दुनिया की कुछ सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनियाँ जैसे TotalEnergies, Eni, और ExxonMobil ने अरबों डॉलर का निवेश किया है। ये कंपनियाँ सिर्फ पैसा नहीं लगा रही हैं, बल्कि वे अपनी अत्याधुनिक तकनीक और वैश्विक विशेषज्ञता भी ला रही हैं। मेरे विचार से, इन कंपनियों के लिए यह सिर्फ एक व्यापारिक अवसर नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कदम भी है। उन्हें पता है कि भविष्य की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिए मोजाम्बिक एक महत्वपूर्ण स्रोत है। जब मैंने इन कंपनियों के पोर्टफोलियो देखे, तो मुझे समझ आया कि कैसे वे वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने दांव लगा रही हैं। यह सिर्फ एक देश के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
➤ मोजाम्बिक की गैस खोज का भू-राजनीतिक परिदृश्य पर भी गहरा असर पड़ा है। अफ्रीका के इस हिस्से में कई देशों की दिलचस्पी बढ़ी है। सुरक्षा चिंताएँ, खासकर काबो डेलगाडो प्रांत में चल रहा इस्लामी उग्रवाद, निवेश और परियोजनाओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। मुझे लगता है कि जब इतने बड़े दांव लगे हों, तो स्थिरता बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता बन जाती है। यूरोपीय देश, जो रूसी गैस पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं, वे मोजाम्बिक को एक वैकल्पिक स्रोत के रूप में देखते हैं। एशियाई देश भी अपनी बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतों के लिए इस पर नज़र गड़ाए हुए हैं। यह सिर्फ ऊर्जा का व्यापार नहीं, यह वैश्विक राजनीति का एक नया अध्याय है।
– मोजाम्बिक की गैस खोज का भू-राजनीतिक परिदृश्य पर भी गहरा असर पड़ा है। अफ्रीका के इस हिस्से में कई देशों की दिलचस्पी बढ़ी है। सुरक्षा चिंताएँ, खासकर काबो डेलगाडो प्रांत में चल रहा इस्लामी उग्रवाद, निवेश और परियोजनाओं के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। मुझे लगता है कि जब इतने बड़े दांव लगे हों, तो स्थिरता बनाए रखना सबसे बड़ी प्राथमिकता बन जाती है। यूरोपीय देश, जो रूसी गैस पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं, वे मोजाम्बिक को एक वैकल्पिक स्रोत के रूप में देखते हैं। एशियाई देश भी अपनी बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतों के लिए इस पर नज़र गड़ाए हुए हैं। यह सिर्फ ऊर्जा का व्यापार नहीं, यह वैश्विक राजनीति का एक नया अध्याय है।
➤ आज की दुनिया में जब जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है, तब प्राकृतिक गैस जैसी जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं पर अक्सर सवाल उठते हैं। हालांकि प्राकृतिक गैस कोयले और तेल की तुलना में कम प्रदूषणकारी मानी जाती है, फिर भी यह ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करती है। मुझे लगता है कि यह मोजाम्बिक के लिए एक बड़ी दुविधा है: आर्थिक विकास के लिए गैस का उपयोग करना या पर्यावरण की रक्षा के लिए इसे सीमित करना। यह एक ऐसा संतुलन है जिसे बहुत सावधानी से साधने की ज़रूरत है। मैंने कई पर्यावरणविदों को यह चिंता व्यक्त करते सुना है कि इन परियोजनाओं से मीथेन उत्सर्जन हो सकता है, जो एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है।
– आज की दुनिया में जब जलवायु परिवर्तन सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है, तब प्राकृतिक गैस जैसी जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं पर अक्सर सवाल उठते हैं। हालांकि प्राकृतिक गैस कोयले और तेल की तुलना में कम प्रदूषणकारी मानी जाती है, फिर भी यह ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन करती है। मुझे लगता है कि यह मोजाम्बिक के लिए एक बड़ी दुविधा है: आर्थिक विकास के लिए गैस का उपयोग करना या पर्यावरण की रक्षा के लिए इसे सीमित करना। यह एक ऐसा संतुलन है जिसे बहुत सावधानी से साधने की ज़रूरत है। मैंने कई पर्यावरणविदों को यह चिंता व्यक्त करते सुना है कि इन परियोजनाओं से मीथेन उत्सर्जन हो सकता है, जो एक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है।
➤ मोजाम्बिक के लिए यह सिर्फ गैस निकालने और बेचने का मामला नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि यह सब स्थायी तरीके से हो। समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करना, समुद्री जीवन की रक्षा करना और स्थानीय समुदायों के पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकारों का सम्मान करना – ये सभी महत्वपूर्ण पहलू हैं। मेरे विचार से, मोजाम्बिक को एक ऐसी विकास रणनीति अपनानी चाहिए जो न केवल वर्तमान पीढ़ी की ज़रूरतों को पूरा करे, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी संसाधनों को सुरक्षित रखे। यह एक चुनौती भरा काम है, लेकिन अगर सही नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ किया जाए, तो यह संभव है।
– मोजाम्बिक के लिए यह सिर्फ गैस निकालने और बेचने का मामला नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि यह सब स्थायी तरीके से हो। समुद्र के पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ने वाले प्रभावों को कम करना, समुद्री जीवन की रक्षा करना और स्थानीय समुदायों के पारंपरिक मछली पकड़ने के अधिकारों का सम्मान करना – ये सभी महत्वपूर्ण पहलू हैं। मेरे विचार से, मोजाम्बिक को एक ऐसी विकास रणनीति अपनानी चाहिए जो न केवल वर्तमान पीढ़ी की ज़रूरतों को पूरा करे, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी संसाधनों को सुरक्षित रखे। यह एक चुनौती भरा काम है, लेकिन अगर सही नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ किया जाए, तो यह संभव है।
➤ मोजाम्बिक के गैस सपनों को साकार करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है शांति और सुरक्षा। काबो डेलगाडो प्रांत में जारी उग्रवाद ने कई परियोजनाओं को रोक दिया है और निवेशकों का भरोसा कम किया है। मुझे लगता है कि जब तक इस क्षेत्र में पूरी तरह से स्थिरता नहीं आती, तब तक बड़े पैमाने पर निवेश और विकास मुश्किल होगा। मुझे उम्मीद है कि मोजाम्बिक की सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय मिलकर इस चुनौती का सामना करेंगे और इस क्षेत्र में शांति स्थापित कर पाएंगे। क्योंकि अंततः, स्थिरता ही समृद्धि की कुंजी है।
– मोजाम्बिक के गैस सपनों को साकार करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है शांति और सुरक्षा। काबो डेलगाडो प्रांत में जारी उग्रवाद ने कई परियोजनाओं को रोक दिया है और निवेशकों का भरोसा कम किया है। मुझे लगता है कि जब तक इस क्षेत्र में पूरी तरह से स्थिरता नहीं आती, तब तक बड़े पैमाने पर निवेश और विकास मुश्किल होगा। मुझे उम्मीद है कि मोजाम्बिक की सरकार और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय मिलकर इस चुनौती का सामना करेंगे और इस क्षेत्र में शांति स्थापित कर पाएंगे। क्योंकि अंततः, स्थिरता ही समृद्धि की कुंजी है।






